डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम
Dr. APJ Abdul Kalam Biography – हेल्लो दोस्तो आज हम आपको आज इस पोस्ट में एक भारतीय वैज्ञानिक, इंजीनियर और मिसइल मैन कहे जाने वाले भारत के 11वें राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम The President Of India Dr. APJ Abdul Kalam के बारे में बताने जा रहे है। हम आपको आज इस लेख के माध्यम से डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के जीवन के बारे में बतायेगें। The Missile Man Dr. APJ Abdul Kalam
अनुक्रम
1. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के बारे में जानकारी
2. अब्दुल कलाम का जन्म और परिवार
3. अब्दुल कालाम का बचपन
4. अब्दुल कलाम की शिक्षा
5. अब्दुल कलाम का करियर
6. भारत के 11वें राष्ट्रपति
7. अब्दुल कलाम का कलाम सूट बनने की कहानी
8. अब्दुल कलाम के प्रसिद्ध विचार
9. अब्दुल कलाम द्वारा लिखी गई पुस्तकें
10. अब्दुल कलाम को मिले पुरस्कार एवं सम्मान
11. अब्दुल कलाम की मृत्यु
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के बारे में जानकारी
नाम | डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम |
पुरा नाम | अबुल पाकीर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम |
उपनाम | मिसाइल-मैन, जनता के राष्ट्रपति |
जन्म | 15 अक्टूंबर 1931 |
जन्म स्थल | तमिलनाडु में रामेश्वर जिले के धनुषकोडि गांव |
पिता | जैनुल्लाब्दीन |
माता | अशीयामा जैनुल्लाब्दीन |
व्यवसाय | इंजीनियर, वैज्ञानिक, लेखक, प्रोफेसर, राजनीतिज्ञ |
धर्म | इस्लाम |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राष्ट्रपति | 2002-07 |
शौक | किताबें पढ़ना, लिखना, वीणा वादन |
मृत्यु | 27 जुलाई 2015 |
मृत्यु का कारण | दिल का दौरा पडने से |
जन्म और परिवार
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु में रामेश्वर जिले के धनुषकोडि गांव में 15 अक्टूबर सन् 1931 को हुआ था। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का पूरा नाम अबुल पाकीर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम है। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम भारतीय इतिहास के 11वें सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रपति है। भारतीय लोगो के दिलों में डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ‘’भारत के मिसाइल मैन’’ के रूप में जाने जाते है। वह एक गरीब परिवार में पैदा हुए थे।
डॉ. अब्दुल कलाम के पिता का नाम जैनुल्लाब्दीन था जो एक नाव के मालिक और स्थानीय मस्जिद के इमाम थे। उनकी माता का नाम अशीयामा जैनुल्लाब्दीन था जो एक गृहिणी थी। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के पिता न तो ज्यादा पढ़े लिखे थे और न ही पैसे वाले थे। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के पिता मछुआरों को अपनी नाव किराये पर देते थे।
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम संयुक्त परिवार में रहते थे। परिवर बहुत बड़ा था और परिवार में अब्दुल कलाम के अलावा पांच भाई और पांच बहन थी। घर में तीन परिवार रहा करते थे। अब्दुल कलाम ने अपने पिता से बहुत कुछ सिखा है वे भले ही पढ़े लिखे नही थे लेकिन उनकी लगन और उनके दिये संस्कार डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के बहुत काम आये।
बचपन
पांच साल की उम्र में रामेश्वरम के पंचायत प्राथमिक विद्यालय में उन्होने पढ़ाई की। उनके शिक्षक इयादुराई सोलोमन ने उनसे कहा था की जिवन में सफलता और अनुकूल परिणाम हासिल करने के लिये तिव्र इच्छा, आस्था, अपेक्षा इन तीन शक्तियों को भली भातीं समझ लेना और उन पर प्रभुत्व स्थापित करना चाहिए। पढ़ाई के लिये उनकी लगन ऐसी थी कि उन्होने अपनी आरंभिक शिक्षा को जारी रखने के लिये अखबार बांटने का काम भी किया था।
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम जब आंठ, नौ साल के थे तब वे सुबह चार बजे उठते थे व नहाने के बाद गणित के अध्यापक स्वामी के पास पढ़ने चले जाते थे, जो छात्र नहाकर नही आता था वे अध्यापक उन्हे नही पढ़ाते थे। स्वामी एक अनोखे अध्यापक थे वे हर साल 5 छात्रो को मुफत में टयुशन पढ़ाते थे। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम की मां उन्हे उठाकर स्नान करवाती थी व नाश्ता कराकर टयुशन पढ़ने भेज देती थी।
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम साढ़े पांच बजे टयुशन पढ़कर वापस घर आते थे व उसके बाद वे अपने पिता के साथ नमाज पढ़ते थे। फिर कुरान शरीफ पढ़ने के लिये वह अरेशिक स्कुल मदरसा चले जाते थे। इसके बाद अब्दुल कलाम रामेश्वरम के रेलवे स्टेशन और बस अडडे पर जाकर अखबार जमा करते थे। इन्हे तीन किलोमीटर जाना पड़ता था।
उन दिनों धनुषकोड़ी से मेल ट्रेन गुजरती थी लेकिन वहां रूकती नही थी। चलती ट्रेन से ही अखबार के बंडल रेलवे स्टेशन पर फेंक दिये जाते थे। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम अखबार लेने के बाद रामेश्वरम शहर की सड़कों पर दौड़-दौड़कर सबसे पहले उसे बांटा करते थे। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम अपने भाईयों में सबसे ज्यादा छोटे थे इसलिये उन्हे अपनी मां का प्यार ज्यादा ही मिलता था। शाम को स्कुल से लौटने के बाद वे फिर रामेश्वरम जाते थे ताकी ग्राहकों से बकाया पैसा लै सकें। इस तरह एक किशोर के रूप में भाग-दौड़ कर रहे थे और पैसे कमा रहे थे।
शिक्षा
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम रामनाथपुरम के स्क्वार्टज मिशनरी हाईस्कूल से अपनी स्कूल की शिक्षा पूरी की और सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरूचिरापल्ली से बीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम नें मद्रास तकनीकी संस्थान से एक वैमानिकी अभियंता के रूप में स्नातक की शिक्षा प्राप्त की।
करियर
अपनी पढ़ाई पुरी करने के बाद डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का बस एक ही सपना था वे एयर फोर्स में फाइटर पायलट बनना चाहते थे। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम एयर फोर्स के इंटरव्यु के लिये देहरादुन गये, वहां इंटरव्यु के लिये 25 व्यक्ति आये थे। उन 25 लोगो में से उनका स्थान 9वां आया था जबकी जरूरत सिर्फ 8 लोगो की थी।
उसके बाद डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम दिल्ली आ गये और वे DRDO मे वैज्ञानिक के रूप में नियुक्त किये गये। उन्होने सबसे पहले एक छोटा हेलीकॉप्टर बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
अंतरिक्ष अनुसंधान के लिये भारतीय राष्ट्रीय समिति (Indian National Committee For Space Research – INCOSPAR) का हिस्सा होने के कारण उनको भारत के महान वैज्ञानिक जैसे विक्रम साराभाई जैसे लोगो के साथ काम करने का मौका मिला। 1969 में कलाम को इसरो (ISRO) इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन मैं तबादला कर दिया गया। वह इंडिया के पहले सैटेलाइट लॉन्च वेहिकल जोकि SLV-3 मैं प्रोजेक्ट डायरेक्टर बने।
1980 में भारत सरकार ने एक आधुनिक मिसाइल प्रोग्राम (Advanced Missile Program) डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के डायरेक्शन से शुरू करने का सोचा, इसलिये उन्हे दौबारा DRDO में भेजा गया। उसके बाद एकिकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (Integrated Guided Missile Development Program – IGMDP) कलाम जी के मुख्य कार्यकारी के रूप में शुरू किया गया। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के निर्देशों से ही अग्नि व पृथ्वी जैसी मिसाइलों का बनाना सफल हुआ।
एक वैज्ञानिक और इंजिनियर के तौर पर उन्होने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अनुसंधान संगठन (ISRO) के कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य किया।
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने वर्ष 1998 के पोखरण द्वितीय परमाणु परिक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और मिसाइल विकास कार्यक्रम के साथ भी जुड़े थे, इसी कारण उन्हे मिसाइल-मैन भी कहा जाता है।
भारत के 11वें राष्ट्रपति
10 जून, 2002 को ए. पी. जे. अब्दुल कलाम को अन्ना विश्वविद्यालय के कुलपति डाक्टर कलानिधि का संदेश मिला कि प्रधानमंत्री कार्यालय उनसे संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। इसलिए आप तुरंत कुलपति के दफतर चले आइए ताकि प्रधानमंत्री से आपकी बात हो सके। जैसे ही उनहे प्रधानमंत्री कार्यालय से कनेक्ट किया गया, वाजपेई फोन पर आए और बोले ‘कलाम साहब देश को राष्ट्रपति के रूप में आपकी जरूरत है’ कलाम ने वाजपेई को धन्यवाद दिया और कहा कि इस पेशकश पर विचार करने के लिए मुझे एक घंटे का समय चाहिए, वाजपेई ने कहा ‘आप समय जरूर ले लीजिए लेकिन मुझे आपसे हां चाहिए ना नही।
शाम तक एनडीए के संयोजक जॉर्ज फर्नान्डेस, संसदीय कार्य मंत्री प्रमोद महाजन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर कलाम की उम्मीदवारी का ऐलान कर दिया। जब डॉ अब्दुल कलाम दिल्ली पहुंचे तो हवाई अडडे पर रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नान्डेस ने उनका स्वागत किया।
डॉ अब्दुल कलाम ने एशियाड विलेज में डीआरडीओ गेस्ट हाउज में रहना पसंद किया। 18 जून, 2002 को कलाम ने अटलबिहारी वाजपेई और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों की उपस्थिति में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। पर्चा भरते समय वाजपेई ने उनके साथ मजाक किया कि ‘आप भी मेरी तरह कुवारे है’ तो कलाम ने ठहाको के बीच जवाब दिया, ‘प्रधानमंत्री महोदय मैं न सिर्फ कुंवारा हूं बल्कि ब्रहमचारी भी हूं।
18 जुलाई 2002 को संपन्न हुए चुनाव में डॉ. कलाम 90 प्रतिशत मतों के भारी बहुमत से भारत के 11वें राष्ट्रपति चुने गये। उन्हे 25 जुलाई 2002 को संसद भवन के अशोक हॉल में राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई गई। उनका कार्यकाल 25 जुलाई 2007 को समाप्त हुआ।
उनके 5 साल राष्ट्रपति के तौर पर खत्म हो गये तब उन्होने वापस दोबारा राष्ट्रपति बनने की इच्छा प्रकट कि लेकिन यह बोलने के दो ही दिन बाद उन्होने फैसला लिया कि वह प्रेसिडेंट के इलेक्शन में खड़े नही रहेंगे।
अपने अंतिम दिनों तक भी डॉ. कलाम काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद तथा भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर में आगंतुक प्रोफेसर बने हुए थे। साथ ही भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान तिरूवंतपुरम में कुलाधिपति तथा अन्ना विश्वविद्यालय चेन्नई में एयरो इंजीनियरिंग के प्रध्यापक के पद पर भी नियुक्त थे।
कलाम सूट बनने की कहानी
कलाम के राष्ट्रपति बनने के बाद सबसे बड़ी समस्या ये आई कि वे पहनेंगें क्या? बरसों से नीली कमीज और स्पोर्टस शू पहन रहे कलाम राष्ट्रपति के रूप में वो सब पहन नही सकते थे। राष्ट्रपति भवन का एक दर्जी था जिसने पिछले कई राष्ट्रपतियों के सूट सिले थे एक दिन आ कर उसने डॉ. कलाम की भी नाप ले डाली।
कलाम के जीवनीकार और सहयोगी अरूण तिवारी अपनी किताब ‘एपीजे अब्दुल कलाम अ लाइफ’ में लिखते है, ‘कुछ दिनों बाद दर्जी कलाम के लिए चार नए बंदगले के सूट सिल कर ले आया, कुछ ही मिनटों में हमेशा लापरवाही से कपड़े पहनने वाले कलाम की काया ही बदल गई। लेकिन कलाम इससे खुद खुश नही थे, उन्होने मुझसे कहा, ‘मैं तो इसमें सांस ही नही ले सकता क्या इसके कट में कोई परिवर्तन किया जा सकता है?
परेशान दर्जी सोचते रहे कि क्या किया जाए। कलाम ने खुद ही सलाह दी कि इसे आप गर्दन के पास से थोड़ा काट दीजिए। इसके बाद से कलाम के इस कट के सूट को ‘कलाम सूट’ कहा जाने लगा।
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के प्रसिद्ध विचार –
1. मैं खूबसूरत नही हूं , लेकिन किसी को मदद की जरूरत है तो मैं हाथ दे सकता हूं। क्योकि दिल में सौंदर्य की आवश्यकता है, चेहरे में नही।
2. इससे पहले कि आपके सपने सच हो आपको सपना देखना होगा।
3. यदि आप असफल हो जाते हैं तो कभी हार मत मानों क्योंकि F.A.I.L. का अर्थ है सीखने में पहला प्रयास।
4. आइए हम आज हमारा बलिदान करें ताकि हमारे बच्चों का बेहतर कल हो सके।
5. सपना वो नहीं है जो आप सोते समय देखते हो, बल्कि ये वो चीज है जो आपको नींद नही आने देता हो।
6. अगर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो तो पहले सूरज की तरह जलना सिखो।
7. मै इस बात को सीखने के लिये तैयार था कि मैं कुछ चीजे नही बदल सकता।
8. किसी भी मिशन की सफलता के लिये, रचनात्मक नेतृत्व आवश्यक है।
9. जब तक भारत दुनिया के सामने खड़ा नही होता, कोई हमारी इज्जत नही करेगा। इस दुनिया में, डर की कोई जगह नही है। केवल ताकत, ताकत का सम्मान करती है।
10. जिस दिन हमारे सिग्नेचर ऑटोग्राफ में बदल जाएं, उस दिन मान लीजिए आप कामयाब हो गये हैं।
डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम द्वारा लिखी गई पुस्तकें
India 2020: A Vision For The New Millennium | इसे 1998 में प्रकाशित किया गया |
Wings Of Fire: An Autobiography | इसे 1999 में प्रकाशित किया गया |
Ignited Minds: Unleashing The Power Within India | इसे 2002 में प्रकाशित किया गया |
The Luminous Sparks: A Biography in Verse And Colours | इसे 2004 में प्रकाशित किया गया |
Guiding Souls: Dialogues On The Purpose Of Life | इसे 2005 में प्रकाशित किया गया |
Mission Of India: A Vision Of Indian Youth | इसे 2005 में प्रकाशित किया गया |
Inspiring Thoughts: Quatation Series | इसे 2007 में प्रकाशित किया गया |
You Are Born To Blossom: Take My Journey Beyond | इसे 2011 में प्रकाशित किया गया |
The Scientific India: A Twenty First Century Guide To The World Around Us | इसे 2011 में प्रकाशित किया गया |
Failure To Success: Legendry Lives | इसे 2011 में प्रकाशित किया गया |
Target 3 Billion | इसे 2011 में प्रकाशित किया गया |
You Are Unique: Scale New Heights By Thought And Actions | इसे 2012 में प्रकाशित किया गया |
Turning Points: A Journey Through Challenges | इसे 2012 में प्रकाशित किया गया |
Indomiteble Spirit | इसे 2013 में प्रकाशित किया गया |
Spirit Of India | इसे 2013 में प्रकाशित किया गया |
Thoughts For Change: We Can Do It | इसे 2013 में प्रकाशित किया गया |
My Journey: Transforming Dreams Into Actions | इसे 2013 में प्रकाशित किया गया |
Governance For Growth In India | इसे 2014 में प्रकाशित किया गया |
Manifesto For Change | इसे 2014 में प्रकाशित किया गया |
Forge Your Future: Candid, Forthright, Inspiring | इसे 2014 में प्रकाशित किया गया |
Beyond 2020: A Vision For Tomorrow’s India | इसे 2014 में प्रकाशित किया गया |
The Guiding Light: A Selection Of Quotations From My Favourite Books | इसे 2015 में प्रकाशित किया गया |
Reignited: Scientific Pathways To A Brighter Future | इसे 2015 में प्रकाशित किया गया |
The Family And The Nation | इसे 2015 में प्रकाशित किया गया |
Transcendence My Spiritual Experiences | इसे 2015 में प्रकाशित किया गया |
पुरस्कार एवं सम्मान
देश और समाज के लिए किये गये उनके कार्यों के लिये डॉ कलाम को अनेकों पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। लगभग 40 विश्वविद्यालयों ने उन्हे मानद डॉक्टरेट की उपाधि दी और भारत सरकार ने उन्हे पद्म भूषण, पद्म विभूषण और भारत के सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न‘ से अलंकृत किया।
1981 | पद्म भूषण | भारत सरकार |
1990 | पद्म विभूषण | भारत सरकार |
1994 | विशिष्ट फेलो | इंस्टिटयूट ऑफ डायरेक्टर्स (भारत) |
1997 | भारत रत्न | भारत सरकार |
1997 | राष्ट्रीय एकता के लिये इंदिरा गांधी पुरस्कार | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
1998 | वीर सावरकर पुरस्कार | भारत सरकार |
2000 | रामानुजन पुरस्कार | अल्वर्स रिसर्च सैंटर चैन्नई |
2007 | साइंस की मानक डाक्टरेट | वॉल्वर हैम्प्टन विश्वविद्यालय ब्रिटेन |
2007 | चार्ल्स द्वितीय पदक | रॉयल सोसाइटी ब्रिटेन |
2008 | डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग | नानयांग प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय सिंगापुर |
2009 | अंतराष्ट्रीय करमन वॉन विंग्स पुरस्कार | कैलिफोर्निया प्रोद्योगिकी संस्थान संयुक्त राज्य अमेरिका |
2009 | हूवर मेडल | ASME फाउंडेशन संयुक्त राज्य अमेरिका |
2009 | मानक डॉक्टरेट | ऑकलैंड विश्वविद्यालय |
2010 | डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग | वॉटरलू विश्वविद्यालय |
2011 | आईईईई मानक सदस्यता | आईईईई |
2012 | डॉक्टर ऑफ लॉ (मानक) | साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय |
2014 | डॉक्टर ऑफ साइंस | एडिनबर्ग विश्वविद्यालय ब्रिटेन |
मृत्यु
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम 27 जुलाई 2015 को शिलोंग गए थे। वहां IIM शिलांग में एक फंक्शन के दौरान अब्दुल कलाम साहब की तबियत खराब हो गई थी वे, वहां एक कॉलेज में बच्चों को लेक्चर दे रहे थे, तभी अचानक व गिर पड़े जिसके बाद उन्हे शिलोंग के हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया और उनकी स्थिती नाजुक होने के कारण उन्हे आई.सी.यू. में एडमिट कराया गया, जिसके बाद उन्होने अपनी अंतिम सांसे ली और दुनिया को अलविदा कह दिया। इस दुखद खबर के बाद सात दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया गया। 84 वर्ष की आयु में उन्होने दुनियां को अलविदा कह दिया।
मृत्यु के बाद 28 जुलाई को उन्हे गुवाहाटी से दिल्ली लाया गया, जहां उन्हे दिल्ली के घर में आम जनों के दर्शन के लिये रखा गया। यहां सभी बड़े नेता ने आकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्हे उनके गांव एयरबस के द्वारा ले जाया गया। 30 जुलाई 2015 को कलाम जी का अंतिम संस्कार उनके पैत्रक गांव रामेश्वरम के पास हुआ।
रोचक तथ्य
1. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने अपने परिवार की सहायता के लिए उन्होने पांच साल की उम्र से अखबार बेचना शुरू कर दिया था।
2. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने भारतीय वायु सेना में एक लड़ाकू जेट पायलट बनने का अवसर गवा दिया था। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम नवें स्थान पर थे और भर्ती आठ उम्मीदवारों की होनी थी।
3. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम इंकसपार (INCOSPAR) समिति के सदस्य थे जो विक्रम साराभाई के नेतृत्व में चलती थी।
4. 1969 में उन्हे इसरो (ISRO) भेजा गया और सेटेलाइट लौंच वेहिकल (SLV-III) का परियोजना निदेशक बनाया गया।
5. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम 40 विश्वविद्यालयो के डॉक्टरेटों के द्वारा भी सम्मानित किये जा चुके है।
6. उनके जीवन से प्रेरित होकर बॉलीवुड ने उनके नाम पर एक फिल्म भी बनायी जिसका नाम था- ‘’आई एम कलाम’’ (I am kalam)।
7. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की स्विटजरलैंड की यात्रा के दिन को स्विटजरलैंड में विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
8. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम हालांकि एक मुसलमान थे, फिर भी वे एक सख्त शाकाहारी थे।
9. कलाम अपने व्टिटर अकाउंट पर केवल एक क्रिकेटर को फॉलो करते थे- वीवीएस लक्ष्मण।
10. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम शौखीन पाठक और लेखक थे। उन्होने कम से कम 15 किताबें परमाणु भौतिकी और आध्यात्मिक अनुभवों पर लिखी है।
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