बिपिन रावत (Chief of Defence Staff)
General Bipin Rawat Biography in Hindi – जनरल बिपिन रावत भारतीय सेना के चार सितारा जनरल The Four Star General Bipin Rawat थे। जिन्हें 30 दिसंबर 2021 को भारत के पहले सीडीएम के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने 1 जनवरी 2020 को पदभार ग्रहण किया, वे देश के पहले से अधिकारी थे जिन्हें भारत का पहला सीडीएस अधिकारी यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ Chief Of Defence Staff बनाया गया था। इससे पहले यह पद आज तक किसी को नहीं मिला है। जनरल रावत ने 1978 में सेना की 11वीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से अपना करियर शुरू किया था। Bipin Rawat Life Story In Hindi
जनरल विवरण/General Details
नाम/Name | बिपिन रावत |
जन्म/Birth | १६ मार्च १९५८ |
जन्म स्थान/Birth Place | पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड |
पिता का नाम/Father Name | लक्ष्मणसिंह रावत |
माता का नाम/Mother Name | – |
पत्नी का नाम/Wife Name | मधुलिका रावत |
बच्चें/Children | दो बेटियां कृतिका व तारिणी |
राष्ट्रीयता/Nationality | भारतीय |
धर्म/Religion | हिन्दु |
जाति/Caste | राजपूत |
पद/Post | CDS (Chief Of Defence Staff) |
रैंक/Rank | ४ स्टार जनरल |
सेवा वर्ष/Service Year | १६ दिसंबर १९७८ से ८ दिसंबर २०२१ तक |
स्कूल/School | कैंब्रियन हॉल स्कूल, देहरादून व सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला |
कॉलेज/मिलिट्री अकादमी Collage/Military Academy | राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (बी.एससी.) रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (बीएसएससी), वेलिंग्टन भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) रक्षा सेवा स्टाफ काॅॅॅॅलेज (एमफिल) यूनाइटेड स्टेटस आर्मी कमांड एंड जनरल स्टाफ कॉलेज चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (पीएचडी) मद्रास विश्वविद्यालय |
मृत्यु/Death | ८ दिसंबर २०२१ |
मृत्यु स्थान/Death Place | कन्नुर, तमिलनाडु |
जन्म और परिवार/Birth And Family
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी में हुआ था। उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत ने भारतीय सेना की सेवा की और लेफ्टिनेंट जनरल के पद तक पहुंचे। उनकी मां उत्तराखंड के उत्तरकाशी के एक पूर्व विधायक की बेटी थी।
बिपिन रावत की पत्नी/Wife Of Pipin Rawat
जनरल बिपिन रावत की पत्नी का नाम मधुलिका रावत था। वह आर्मी वाइफ्लस वेलफेयर असोसिएशन (AWAA) के अध्यक्ष भी थी। उनकी पत्नी मधुलिका मध्यप्रदेश के शहडोल की रहने वाली थी और वह स्वर्गवासी राजनेता मृगेंद्र सिंह की पुत्री थी। मधुलिका रावत ने अपनी पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी में की। AWAA के अलावा वह कई तरह से सोशल वर्क के अलावा कैंसर पीड़ितों के लिए काम किया करती थी।
शिक्षा/Education
बिपिन रावत ने अपनी शुरुआती शिक्षा देहरादून के कैंब्रियन हॉल स्कूल और सैंट एडवर्ड स्कूल, शिमला में प्राप्त की और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी खडकवासला और भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में शामिल हो गए, जहाँ उन्हें “स्वार्ड आफ ऑनर” से सम्मानित किया गया। वह डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज डीएसएससी वेलिंगटन और यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी कमांड में हायर कमांड कोर्स और फोर्ट लिवेनवर्थ कंसास में जनरल स्टाफ कॉलेज से भी स्नातक थे।
उन्होंने एम.फिल. भी किया था। रक्षा अध्ययन में डिग्री के साथ-साथ मद्रास विश्वविद्यालय से प्रबंधन और कंप्यूटर अध्ययन में डिप्लोमा प्राप्त थी। सैन्य मीडिया सामरिक अध्ययन पर उनके शोध के लिए उन्हें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया।
आर्मी करियर/Army Career
रावत को 16 दिसंबर 1978 को 11 गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन में भर्ती कराया गया था उसी यूनिट में उनके पिता थे। उनकी पहली पोस्टिंग मिजोरम में हुई थी और उन्होंने इस बटालियन का नेतृत्व भी किया। एक मेजर के रूप में उन्होंने उरी जम्मू और कश्मीर में कंपनी की कमान संभाली।
कर्नल के रूप में उन्होंने कीबूथ में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ पूर्वी सेक्टर में पांचवी बटालियन 11 गोरखा रायफल्स की कमान संभाली। बटालियन में रहते हुए उन्होंने बड़े से बड़े युद्ध अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे उन्हें युद्ध की डिफेंस और आक्रामक नीतियां बनाने में लंबा अनुभव मिला। ब्रिगेडियर के पद पर पदोन्नति होने के बाद उन्होंने सोपोर में राष्ट्रीय रायफल्स के 5 सेक्टर और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य Monusco में एक अध्याय VII मिशन में बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान संभाली, जहां उन्हें दो बार फोर्स कमांडर की प्रशस्ति से सम्मानित किया गया।
आर्मी में काम करते हुए उन्होंने कई बटालियन के लिए काम किया, जहाँ उन्हें अलग-अलग जगहों की सुरक्षा नीति और युद्ध नीति का अनुभव मिला जैसे इन्फेंट्री बटालियन Infantry Battalion में काम करते हुए उन्हें लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल Line Of Actual Control का अनुभव मिला। उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी (देहरादून) में एक अनुदेशात्मक कार्यकाल सैन्य संचालन निदेशालय में जनरल स्टाफ ऑफीसर ग्रेड 2 मध्य भारत में एक पुनर्गठित आर्मी प्लेन से इन्फैंट्री डिवीजन RAPID के लॉजिस्टिक्स स्टाफ आफिसर कर्नल सहित स्टाफ असाइनमेंट भी संभाला।
पद पर आने से पहले जनरल बिपिन रावत ने दक्षिणी कमान के कमांडर और सहसेनाध्यक्ष का पदभार भी संभाला था। वे 31 दिसंबर 2019 को सीडीएस बने और उन्होंने 1 जनवरी 2020 को रक्षा प्रमुख के पद का भार ग्रहण किया। तुमसे पहले इस पद पर दलबीर सिंह सुहाग पदासीन थे।
रैंक और नियुक्ति/Rank And Placement
रैंक | नियुक्ति तिथि |
---|---|
सेकंड लेफ्टिनेंट | १६ दिसंबर १९७८ |
लेफ्टिनेंट | १६ दिसंबर १९८० |
कप्तान | ३१ जुलाई १९८४ |
मेजर | १६ दिसंबर १९८९ |
लेफ्टिनेंट कर्नल | १ जून १९९८ |
कर्नल | १ अगस्त २००३ |
ब्रिगेडियर | १ अक्टूबर २००७ |
मेजर जनरल | २० अक्टूबर २०११ |
लेफ्टिनेंट जनरल | १ जून २०१४ |
जनरल (थल सेना प्रमुख) | १ जनवरी २०१७ |
जनरल (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) | ३० दिसंबर २०१९ |
बिपिन रावत पुरस्कार/Bipin Rawat Award
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने अपने 43 वर्षो के करियर के दौरान वीरता और विशिष्ट सेवा के लिए कई पदक और सम्मान प्राप्त किए हैं इनका उल्लेख नीचे दिया गया है।
- परम विशिष्ट सेवा मेडल
- युद्ध सेवा मेडल
- अति विशिष्ट सेवा पदक
- युद्ध सेवा पदक
- सेना मेडल
- विशिष्ट सेवा पदक
- पराक्रम पदक
- सामान्य सेवा मेडल
- स्पेशल सर्विस मेडल
- ऑपरेशन पराक्रम मेडल
- सैन्य सेवा मेडल
- हाई एल्टीट्यूड सर्विस मेडल
- विदेश सेवा मेडल
- आजादी की 50वीं वर्षगांठ
- 30 साल लॉन्ग सर्विस मेडल
- 20 साल लॉन्ग से सर्विस मेडल
- 9 साल लॉन्ग से सर्विस मेडल
- Monusco (UN पीसकीपिंग)
बिपिन रावत की मृत्यु/Death Of Bipin Rawat
8 दिसंबर जब बिपिन रावत व उनकी पत्नी मधुलिका रावत हेलीकॉप्टर में थे तब तमिलनाडु के कन्नूर के पास उनका हेलीकॉप्टर अचानक से क्रैश हो गया, जिसमे बिपिन रावत एवं उनकी पत्नी सहित 14 लोग मौजूद थे जिसमें से 13 लोगो की मौत हो चुकी है। इस हादसे में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह गंभीर रूप से घायल हुए है, ओर उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए गए है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत उस दिन स्टाफ कोर्स के संकाय और छात्र अधिकारियों को संबोधित करने के लिए रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन नीलगिरी हिल्स के दौरे पर जा रहे थे। 10 दिसंबर 2021 को विभिन्न रावत और उनकी पत्नी का दिल्ली छावनी के बरार स्क्वायर शमशान में पूरे सैन्य सम्मान और 17 तोपों की सलामी के साथ हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया था। उनका दाह संस्कार उनकी बेटियों ने किया जो उनकी अस्थियां हरिद्वार ले गई और 12 दिसंबर को हर की पौड़ी घाट पर गंगा में विसर्जित की।
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